Jawan hone se judi 10 dardnak parampara : दुनिया के विभिन्न देशों की संस्कृति, परंपराएं और रीति-रिवाज अनोखे हैं। लेकिन इन्हीं परंपराओं के बीच कुछ ऐसे रीति-रिवाज भी प्रचलित हैं, जो बेहद क्रूर हैं। इनमें से एक है पुरुषों को अपनी ‘मर्दानगी’ साबित करना। कई देशों में आज भी पुरुष को समाज में अपना प्रमुख स्थान बनाने के लिए स्वयं को शक्तिशाली दिखाना पड़ता है। इसके लिए ये विचित्र तरीके अपनाने पड़ते हैं।कई समाज के लोग तो बेहद क्रूर तरीके से अपने आपको ‘मर्द’ साबित करते हैं। हालांकि, कुछ तरीके अब इतिहास का हिस्सा भी हो चुके हैं। आज आप यहां दुनिया के कुछ देशों में ‘मर्दानगी’ साबित करने के नाम पर प्रचलित अजीबोगरीब रीति-रिवाजों के बारे में जान सकेंगे।
नॉर्थ डकोटा में मैंडन जनजाति में धार्मिक परंपरा है, जिसे ओकिपा कहा जाता है। इस उत्सव में लड़कों को टॉर्चर किया जाता है। यहां ‘मर्दानगी’ के टेस्ट देने के लिए उन्हें कई दिनों तक भूखा रहना होता है। इसके बाद उनके शरीर में स्क्रू लगाकर रस्सियों से लटकाया जाता है। जो सबसे अधिक देर तक लटकता है उसे मैंडन जनजाति के नेताओं में शामिल किया जाता है।
पश्चिमी अफ्रीका में फुलानी जनजाति में ‘मर्द’ बनने के लिए कोड़ों से लड़ाई होती है। इसमें चाकू और धारदार छड़ी का भी प्रयोग किया जाता है। जब हथियार तैयार हो तो अपने सामने वाले का सामना करना होता है। हर लड़के को तीन घूंसे मारे जाते हैं। जो सबसे अधिक बर्दाश्त करता है, उसे विजेता माना जाता है। इसका निर्णय आम जनता करती है। जो लड़के इस परीक्षा में पास नहीं होते हैं, उन्हें लड़के का दर्जा ही मिला रहता है।
साउथ पैसफिक आइलैंड नेशन पेन्टेकॉस्ट में वैनाटू जाति के लड़कों को 100 फीट की उंचाई से कूदना होता है। वे अपने घुटनों को रस्सियों से बांधते हैं और ऊंचाई से कूदते हैं। रस्सियों के कारण वे जमीन से कुछ ऊपर रह जाते हैं। ऐसा करने में उन्हें काफी खतरा होता है। शरीर को काफी चोट भी लग जाती है और खासतौर पर रीढ़ की हड्डी को भी नुकसान पहुंचता है। यह ‘मर्द’ बनने की यह परंपरा लगभग 1500 वर्ष पुरानी है।
केन्या और तंजानिया में मसाई जनजाति के लोगों की यह परंपरा अब खत्म हो चुकी है। पहले यहां ‘मर्द’ बनने का एक ही तरीका था, भाले से शेर का शिकार करना होता था। यहां समाज में हर 6 से 10 साल में एक प्रमुख संरक्षक के ग्रुप का चयन किया जाता था। यहां युवाओं का खतना भी किया जाता था।
पापुआ न्यूगिनी में मतौसा जनजाति के लोग लड़कों को महिलाओं के प्रभावों से मुक्त करने के लिए विचित्र तरीका अपनाते हैं। लड़के को पेट खाली करने के लिए एक पतले तीर का प्रयोग करना होता है, जिससे उसे उलटी आए। इसके बाद तीर को लड़के की नाक में चुभोया जाता है, ताकि बुरे असर से उसे मुक्त किया जा सके। इसके बाद लड़के की जीभ को पत्थरों से कई बार कुचला जाता है ताकि खून बहे और वह शुद्ध हो जाए। इसके बाद उसे एक ‘रियल मैन’ माना जाता है।
6. शरीर को गुदवाना (Sepik Scarification) :
पापुआ न्यूगिनी में सेपिक जनजाति के लड़के को पुरुष बनने के लिए शरीर को गुदवाना होता है। लड़के को साइकोलॉजिकली कठोर बनाया जाता है। जब तक वह इस प्रक्रिया से नहीं गुजरता उसके साथ स्त्री जैसा व्यवहार किया जाता है। अपने शरीर में इस तरह के कट लगवाना काफी मुश्किल काम है।
ब्राजील के अमेजन के जंगलों में रहने वाली सैटारे- मावे जनजाति में परंपरा है कि बुलेट चींटियों के बीच लड़कों के दोनों हाथ डलवाते हैं। 10 मिनट तक लड़के को यह सहना होता है। अगर वह ऐसा कर पाता है तो फिर इसके बाद उसे 19 बार अपना हाथ दस्ताने में डालना होता है। इसके बाद उसे ‘मर्द’ माना जाता है। बुलेट चींटियों के काटने का दर्द कई महीनों बाद खत्म होता है। ब्राजील के घने जंगलों में बुलेट चींटी पाई जाती है। इसके काटने से असहनीय दर्द होता है, इसीलिए इस चींटी को बुलेट ऑन्ट कहा जाता है।
आमतौर पर छोटे बच्चों का खतना किया जाता है, लेकिन दक्षिण अफ्रीका में झोसा जनजाति के लोग जवान लड़कों का खतना करते हैं। इसके बाद उन्हें वयस्क माना जाता है। खतना के बाद युवक को एक झोपड़ी में भूखा- प्यासा रखा जाता है। इसमें इन्फेक्शन का रिस्क सबसे अधिक होता है।
उत्तरी कनाडा, मिस्सीसिपी नदी के आसपास रहने वाली अल्गोंक़ुइन इंडियन ट्राइब में ‘पुरुष’ कहलाने के लिए एक तेज नशीला पदार्थ खाना पड़ता है। जवान लड़कों को 20 दिनों के लिए अकेला छोड़ा जाता है और उन्हें विषैला पदार्थ व्य्सोकैन खाना होता है। यह तेजी से मतिभ्रम पैदा करता है। जो युवा इस नशे से जल्दी बाहर आ जाते हैं, उन्हें शक्तिशाली माना जाता है।
स्पार्टन कल्चर में लड़कों को 7 साल की उम्र से लेकर 17 तक मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग दी जाती थी। ट्रेनिंग के बाद उन्हें अपनी तैयारी की परीक्षा देनी होती थी। इसके लिए उन्हें गुलामों को मारना होता था। अगर वे इसमें सफल नहीं होते थे, तो दंड के तौर पर उन्हें बुरी तरह टॉर्चर किया जाता था।
1. मैंडन टॉर्चर (Mandan Torture)
नॉर्थ डकोटा में मैंडन जनजाति के लोग शरीर में स्क्रू लगाकर रस्सियों से लटकते हैं।
2.फुलानी जनजाति में कोड़ों की लड़ाई (The Fula whip battle):
पश्चिमी अफ्रीका में फुलानी जनजाति में ‘मर्द’ बनने के लिए कोड़ों से लड़ाई होती है।
3. 100 फीट की ऊंचाई से कूदना (Vanuatu Land Diving) :
साउथ पैसेफिक आइलैंड नेशन पेन्टेकॉस्ट में वैनाटू जाति के लड़कों को 100 फीट की उंचाई से कूदना होता है।
4. मसाई- लॉयन फाइटिंग (Maasai Lion Fighting) :
केन्या और तंजानिया में मसाई जनजाति की परंपरा के तहत शेर का शिकार कर प्रमुख बनते थे।
5. खून बहाना (Blood Initiation) :
पापुआ न्यूगिनी में मतौसा जनजाति के लोग अपने लड़के की जीभ को पत्थरों से कुचलकर खून बहाते हैं ताकि वह शुद्ध हो जाए।
6. शरीर को गुदवाना (Sepik Scarification) :
पापुआ न्यूगिनी के सेपिक जनजाति के लड़के को पुरुष बनने के लिए शरीर को गुदवाना होता है।
7. बुलेट चींटी से कटवाना (The Satere-Mawe bullet ant glove):
ब्राजील के सैटारे- मावे जनजाति में बुलेट चींटियों से लड़कों के हाथों में कटवाते हैं।
8. जवान लड़कों का खतना (Adult Circumcision):
दक्षिण अफ्रीका में झोसा जनजाति के लोग जवान लड़कों का खतना करते हैं।
9. अल्गोंकुइन इंडियन ट्रिप (The Algonquin Indian Trip) :
प्रतीकात्मक फोटो।
10. स्पार्टन द्वारा गुलामों की हत्या (Spartan Serf Killing) :
प्रतीकात्मक फोटो
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