लेख में कहा गया है कि टीपू सुल्तान ने अनेक ब्राह्मणों को फांसी दी। लेख के अनुसार टीपू सुल्तान ने 700 मेलकोट आयंगार ब्राह्मणों को फांसी पर चढ़ाया। टीपू सुल्तान की जयंती धूम-धाम मनाने पर संघ ने आरोप लगाया कि, क्या कांग्रेस उन ब्राह्मणों की हत्या की सालगिरह मना रही है? यह केवल हिंदुओं का विरोध नहीं है बल्कि भारत में रहने वाले सभी इसाई भी टीपू सुल्तान की जयंती का विरोध करते हैं। लेखक सतीश पेडणेकर लिखते हैं,” अलबान मेनेजेस जो कि एक इसाई नेता है उनके मुताबिक 1784 मे मंगलूर के मिले ग्रेट चर्च को टीपू सुल्तान ने गिरा दिया और टीपू सुल्तान ने 60,000 कैथलिको को जबरन बंदी बना लिया और उन्हें मजबूर किया कि वह मैसूर तक पैदल चलें सिर्फ इसलिए क्योंकि टीपू सुल्तान को शक था कि वह लोग अंग्रेजों के लिए जासूसी करते हैं और इसी दौरान 4000 कैथलिको की मौत हो गई।”
700 ब्राह्मणों और 4000 कैथलिको को मारा टीपू सुल्तान ने : पांचजन्य
लेख में कहा गया है कि टीपू सुल्तान ने अनेक ब्राह्मणों को फांसी दी। लेख के अनुसार टीपू सुल्तान ने 700 मेलकोट आयंगार ब्राह्मणों को फांसी पर चढ़ाया। टीपू सुल्तान की जयंती धूम-धाम मनाने पर संघ ने आरोप लगाया कि, क्या कांग्रेस उन ब्राह्मणों की हत्या की सालगिरह मना रही है? यह केवल हिंदुओं का विरोध नहीं है बल्कि भारत में रहने वाले सभी इसाई भी टीपू सुल्तान की जयंती का विरोध करते हैं। लेखक सतीश पेडणेकर लिखते हैं,” अलबान मेनेजेस जो कि एक इसाई नेता है उनके मुताबिक 1784 मे मंगलूर के मिले ग्रेट चर्च को टीपू सुल्तान ने गिरा दिया और टीपू सुल्तान ने 60,000 कैथलिको को जबरन बंदी बना लिया और उन्हें मजबूर किया कि वह मैसूर तक पैदल चलें सिर्फ इसलिए क्योंकि टीपू सुल्तान को शक था कि वह लोग अंग्रेजों के लिए जासूसी करते हैं और इसी दौरान 4000 कैथलिको की मौत हो गई।”
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